साधु वासवानीजी की 144वीं जयंती अंतरराष्ट्रीय शाकाहारी दिवस के रूप में मनाई गई – Chhotikashi.com

साधु वासवानीजी की 144वीं जयंती अंतरराष्ट्रीय शाकाहारी दिवस के रूप में मनाई गई

                                      पुणे। साधु वासवानी की 144 वीं जयंती विभिन्न आध्यात्मिक, रचनात्मक एवं सामाजिक सरोकारों के आयोजनों के साथ मनाई गई। साधु वासवानी मिशन और उसके शैक्षणिक संस्थानों द्वारा सप्ताहभर की सेवा गतिविधियों और समारोहों का आयोजन उल्लासपूर्ण किया गया। इस समय साधु वासवानी, दादा जेपी. वासवानी के रिकॉर्डेड प्रवचन और दीदी कृष्णा कुमारी के लाइव प्रवचन आयोजित हुए। लाखों श्रद्धालु और अनेक संगठनों ने 25 नवंबर को हिंसा से उत्पन्न सभी पदार्थों से दूर रहनें का संकल्प लिया। मिशन की ओर से, 25 नवंबर को पूरे दिन विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये गये। इस निमित्त मिशन क्षेत्र साधकों से भरा हुआ था। उत्सव मनाने के लिए शहर और विदेश से श्रद्धालु एकत्र हुए थे। दिन कें प्रथम सत्र की शुरुआत पवित्र हवन अग्नि प्रज्ज्वलन के साथ-साथ भक्तिपूर्ण प्रस्तुति से हुई। इस अवसर पर कृष्णा कुमारी दीदीजी ने कहा, साधु वासवानी जैसे संत मनुष्य को कष्टों से मुक्ति दिलाने और भगवान की ओर ले जाने के लिए धरती पर आते हैं। उनकी कृपा के योग्य बनने और उनके साथ एकजुट होने के लिए हमें खुद को विनम्र बनाना चाहिए। कार्यक्रम में शामिल श्रद्धालु धार्मिक माहौल से अभिभूत हो गये। उनमें से एक, अजय ने कहा, "हम मिशन के सभी क्षेत्रों में भक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा की लहर का अनुभव कर रहे हैं।" सत्र के बाद गुरू लंगर प्रसाद का आयोजन किया गया। “यह पहली बार है जब मैंने सिंधी खाना खाया है। खाना बहुत स्वादिष्ट था और कार्यक्रम बहुत अच्छे से आयोजित किया गया था,'' आकांक्षा सोनवणे ने कहा, सायंकाल सत्र में साधु वासवानी एवं दादा जेपी. वासवानीजी के रिकार्ड किये गये प्रवचन प्रसारित किये गये। दिन का समापन भजन और कीर्तन के साथ हुआ, जो आधी रात तक चला। इन गतिविधियों में पक्षियों को खाना खिलाना, पशु सेवाएँ, गरीब और जरूरतमंद परिवारों को राशन किट का वितरण, श्रमिकों के 454 बच्चों को कपड़े, गरीब स्कूली बच्चों को खुशी के पैकेट और कंपास बॉक्स, 31 लाभार्थियों को कृत्रिम अंगों का वितरण किया गया। बुधवार पेठ और रेड लाइट एरिया में सौ लोगों को साड़ियाँ, सेब और सोलापुरी चादर दी गई । इस अवसर पर मिशन के स्वास्थ्य संस्थानों ने निदान और उपचार में रियायतें भी प्रदान कीं। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय साधु वासवानी केन्द्रों ने सत्संग आयोजित कर सेवा कार्य किये।


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